वापस तेरे दर पे कभी लौट के न आयेंगे.
यह लोग परदेसी फरामोश परिंदे है
चर कर तेरे आंगन में उड़कर चलेजयेंगे.
ए मेरे नाम के आंसू है आँखों में दबायेराखना
वार्न पंची बडे प्यासे हैं पीकर चलेजायेंगे .
वो बात जो कहना है कहकर चले जायेंगे
वापस तेरे दर पे कभी लौट के न आयेंगे.
- सय्यद मद्रासवाला
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