Wednesday, August 18, 2010

कवी - सय्यद मद्रासवाला

वो बात जो कहना है कहकर चले जायेंगे
वापस तेरे दर पे कभी लौट के न आयेंगे.

यह लोग परदेसी फरामोश परिंदे है
चर कर तेरे आंगन में उड़कर चलेजयेंगे.

ए मेरे नाम के आंसू है आँखों में दबायेराखना
वार्न पंची बडे प्यासे हैं पीकर  चलेजायेंगे .

वो बात जो कहना है कहकर चले जायेंगे
वापस तेरे दर पे कभी लौट के न आयेंगे.


- सय्यद मद्रासवाला

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